केकड़ी, 13 जनवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बार एसोसिएशन केकड़ी की साधारण सभा की बैठक सोमवार को बार कार्यालय में अध्यक्ष डॉ.मनोज आहूजा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बार एसोसिएशन द्वारा चलाए जा रहे जिला अभियान को लेकर आगे की रणनीति बनाई गई तथा कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओ द्वारा दिए जा रहे सांकेतिक धरने को अनवरत जारी रखने का फैसला लिया गया। इस मौके पर बार अध्यक्ष आहूजा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा केकड़ी से जिले का दर्जा छीनने से ना केवल अधिवक्ता बल्कि केकडी क्षेत्र के हर व्यक्ति को नुकसान है। जिला समाप्त होने से अब आमजन की मुश्किले बढ़ गयी है। अजमेर जिला मुख्यालय से अत्यधिक दूरी के कारण आमजन का पैसा और समय दोनो बर्बाद हो रहे है। जबकि जिला बनने के बाद केकड़ी में ही आमजन के प्रशासकीय काम सुलभ और त्वरित होने लगे थे। साथ ही क्षेत्र में तेजी से विकास होने लगा था। लेकिन अब विकास भी थमने लगा है तथा आमजन की परेशानियां भी बढ गयी है।

आमजन से जुड़ने की अपील आहूजा ने कहा कि जिला बचाओ आन्दोलन से अगर सरकार झुकती है तथा केकड़ी को फिर से जिले का दर्जा मिलता है तो इससे हर वर्ग हर व्यक्ति का भला होगा। लेकिन केकडी की जनता इसे समझ नहीं रही है और अधिवक्ताओ के आन्दोलन से दूरी बना रखी है जो दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वे अधिवक्ताओ के आन्दोलन को समर्थन दे ताकि वे सरकार के समक्ष मुखर होकर अपनी मांग रखी जा सके। इस मौके पर केकडी को फिर जिले का दर्जा दिलाने के लिए हाईकोर्ट में रिट याचिका प्रस्तुत करने को लेकर भी चर्चा की गई। बार अध्यक्ष आहूजा ने बताया कि रिट याचिका प्रस्तुत करने के लिए सभी दस्तावेजी कार्यवाही पूरी कर ली गयी है तथा जल्द ही हाईकोर्ट में रिट याचिका प्रस्तुत की जाएगी।

सुबह 10 से 12 बजे तक देंगे धरना आहूजा ने बताया कि जब तक सरकार केकड़ी का सम्मान नहीं लौटाती है तब तक अधिवक्ता डटे रहेंगे तथा अपना पूरा प्रयास करेंगे कि सरकार फिर केकड़ी को जिले का दर्जा दे। साथ ही उन्होंने बताया कि जिला बचाओ अभियान के तहत प्रतिदिन सुबह 10 बजे से 12 तक कोर्ट परिसर में सांकेतिक धरना अनवरत जारी रहेगा। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, एसएन हावा, हेमन्त जैन, अब्दुल सलीम गौरी, भूपेन्द्र सिंह राठौड, रामावतार मीणा, प्रहलाद चौधरी, हेमराज कानावत, उपाध्यक्ष शिवप्रसाद पाराशर, महासचिव मुकेश शर्मा, वित सचिव रामेश्वर कुमावत, परवेज नकवी, नवलकिशोर पारीक, अर्जुन सिंह शक्तावत, परवेज नकवी, मुरलीधर शर्मा, रामप्रसाद कुमावत, अशोक पालीवाल, मुकेश गुर्जर, केदार चौधरी, लक्ष्मीचन्द मीणा, दशरथ सिंह कान्दलोत, शैलेन्द्र सिंह देवड़ा, समकित जैन आदि मौजूद रहे।