केकड़ी, 9 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी जिले की सरवाड़ नगर पालिका में काबिज कांग्रेस बोर्ड की अध्यक्ष छगन कंवर राठौड़ पर निलंबन की तलवार लटक गई है। स्वायत शासन विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पालिकाध्यक्ष को नियम विरुद्ध तरीके से पट्टा जारी करने के आरोप में नोटिस देकर सात दिवस में स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई की जाएगी। स्वायत शासन विभाग ने सरवाड़ एसडीएम गुरुप्रसाद तंवर से मामले की जांच कराई थी, जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके विरूद्ध आरोप तय किए गए है। इसी मामले में पार्षक अतीक तंवर को भी नोटिस जारी किया गया है।
डीएलबी ने पट्टा निरस्त करने के दिए थे निर्देश नोटिस के मुताबिक 15 अप्रैल 2008 को नगरपालिका सरवाड़ ने आवेदक फारूख सिलावट के पक्ष में 200 रुपए प्रति वर्ग गज की दर से भूखण्ड का पट्टा 99 वर्ष की लीज पर जारी किया था। उस समय स्थानीय निकाय विभाग को इसकी शिकायत की गई थी। जिस पर कार्यालय उपनिदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग अजमेर ने उक्त अवैध पट्टों को अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सरवाड़ को निरस्त करवाने की कार्यवाही कर भूमि को नगर पालिका के कब्जे में लेने के निर्देश दिए गए।
पार्षद ने किया पट्टे के लिए आवेदन नोटिस में कहा गया कि पार्षद अतीक तंवर ने पट्टाकर्ता फारूख सिलावट से भूखंड खरीद कर लिया। नगरपालिका के अध्यक्ष व भूमि शाखा के कार्मिक व तत्कालीन अधिकारी द्वारा वर्तमान पार्षद अतीक तंवर को लाभ पहुंचाने की नियत से अवैध लीज डीड के आधार पर पंजीबद्ध विक्रय पत्र का नामांतरण किया गया हैं, जो पूर्णतः नियम विरूद्ध है। नोटिस में बताया गया कि तंवर ने नामांतरण अपने पक्ष में होने के उपरांत नगर पालिका सरवाड़ में धारा 69 ए के तहत पट्टा जारी किये जाने के लिए आवेदन किया था। जिस पर नगरपालिका की एम्पावर्ड कमेटी की मीटिंग में आवेदक को फ्री होल्ड पट्टा जारी करने का निर्णय किया गया।
आवेदक को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप मीटिंग की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा की गई। इस प्रकार उक्त पट्टा वैध नहीं होने की जानकारी होते हुए भी आवेदक को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीयत से नियम विरूद्ध फ्री होल्ड पट्टा जारी कर दिया, जो पूर्णतः अवैध है। जिसके लिए पालिका अध्यक्ष उत्तरदायी हैं। यह आचरण और व्यवहार नगर पालिका में अध्यक्ष पद की हैसियत का दुरुपयोग एवं कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार तथा पद के अन्यथा दुरूपयोग व प्रतिकूल आचरण व व्यवहार की श्रेणी में आता है। मामले में 7 दिवस में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।