केकड़ी, 23 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर की पॉक्सो कोर्ट क्रम संख्या 01 ने 16 साल की नाबालिग को भगाकर ले जाने और रेप करने के मामले में सगे मौसा को 20 साल की सजा से दंडित करने के आदेश दिए है। इसी के साथ सजा सुनाते हुए जज बन्नालाल जाट ने मामले में 49 हजार का जुर्माना और पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए अलग से दिलाए जाने के आदेश भी दिए हैं।
जागरण में गए हुए थे परिजन सरकारी वकील रूपेंद्र परिहार ने बताया कि गत 16 जुलाई 2023 को जिला केकड़ी के बोराड़ा थाने में पीड़िता के पिता की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया गया था। जिसमें उसने बताया कि रात को वे लोग परिवार के साथ जागरण में गए हुए थे। लगभग 10:30 बजे वापस घर आकर तो देखा उनकी 16 साल की बेटी घर पर नहीं थी। पत्नी से पूछा तो उसने बताया कि वह सो रही थी। उसे ढूंढा लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर टीम का गठन किया व पीड़िता की तलाश में विभिन्न स्थानों पर दबिश दी।
पीड़िता के बयान के आधार पर जोड़ी दुष्कर्म की धाराएं इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि पीड़िता को उसका मौसा बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। पुलिस टीम ने सूचना मिलने पर 8 अगस्त 2023 को पीड़िता को दस्तयाब किया। पीड़िता के 161 और 164 के बयान के आधार पर पॉक्सो व दुष्कर्म की धारा को जोड़ा गया। इसके बाद पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी मौसी को गिरफ्तार कर लिया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह और 27 दस्तावेज पेश किए। फैसला सुनाते हुए जज ने आरोपी को 20 साल की सजा एवं 49 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित करने के आदेश दिए है।
इस कृत्य से जीवन भर बोझ सहन करेगी नाबालिग फैसले में जज ने लिखा कि आरोपी द्वारा नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर भगाकर विभिन्न स्थानों पर रखा गया। अपहरण कर बालिका के साथ गंभीर कृत्य किया है। जहां नाबालिग बच्चे अपने परिचित, रिश्तेदार-नातेदार पर अटूट विश्वास करते हैं और वही रिश्तेदार नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करते हैं। तो इससे नाबालिग बालिका के बाल मन व उसकी मनोदशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिसके बोझ को वह ताउम्र सहन कर मानसिक रूप से पीड़ित रहती है और उस भार को जिंदगी भर सहन करती है।