यह कैसा कारोबार: खान मालिक कूट रहे चांदी और गरीब मजदूर गंंवा रहे जान, कई हुए स्थायी अपंग तो अनेक बने जीवन भर के लिए लाचार

प्रतीकात्मक फोटो

केकड़ी, 25 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): क्षेत्र में चल रही ग्रेनाइट पत्थर की खानों में मजदूरों की सेफ्टी के कोई इंतजामात नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे है। ऐसे हादसों में अब तक कई मजदूर अपनी जान गंवा चुके है। वहीं कई मजदूर स्थायी अपंग भी हो चुके है। मगर न तो इससे चांदी कूट रहे खदान मालिकों को कोई फर्क पड़ रहा है न ही विभागीय अधिकारियों को। हर हादसे के बाद खदान मालिक विभागीय अधिकारियों के साथ सांठ गांठ कर हादसे को खदान के बाहर होना प्रतीत कर देते है। इसके साथ ही चंद रुपयों का लालच देकर या डरा धमका कर पीड़ित या उसके परिजन से भी हादसा खान के बाहर होने की बात लिखवा कर हस्ताक्षर कर लेते है। जिससे पुलिस प्रशासन भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाता।

क्या है मामला ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के बघेरा ग्रेनाइट माइनिंग इलाके का सामने आया है। जिसमें एक खदान में हुए हादसे में पीड़ित ने अपना एक हाथ हमेशा के लिए गंवा दिया। पीड़ित ने इस संबंध में शहर थाना पुलिस में खदान मालिक व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जगाराम उर्फ जगदीश पुत्र सुखाराम जाट (35) निवासी कस्वा की ढाणी गांव कुराडा तहसील परबतसर जिला डीडवाना—कुचामन ने रिपोर्ट दी कि वह जनवरी 2024 में ठेकेदार परमाराम साख निवासी भादवा के साथ मजदूरी के लिए बघेरा स्थित गणपति माईन्स एण्ड ग्रेनाईट पर गया था। वहां इस खदान पर वाईससोप (पत्थर काटने की मशीन) चलाता था तथा उसके साथ वहां काफी मजदूर काम करते थे।

खदान में नहीं है सेफ्टी उपकरण पीड़ित ने आरोप लगाया कि खदान पर काम कर रहे मजदूरों की सेफ्टी के लिए खान मालिक ने एक भी सेफ्टी उपकरण नहीं लगाया हुआ है। न ही आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई उचित प्रबंध किए गए है। सरकार के सभी सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर अवैध तरीके से लापरवाही पूर्वक खदान को संचालित किया जा रहा है। पीड़ित ने बताया कि सुरक्षा उपकरण लगाने तथा मजदूरों की सुरक्षा के लिए उसने खदान मालिक केकड़ी निवासी सोनू लोढ़ा व ठेकेदार परमाराम को कई दफा कहा मगर वे उसे अनसुना करते रहे। पीड़ित ने बताया कि इसी दौरान 13 मार्च को वह अपने साथी मजदूरों के साथ सुबह लगभग सवा पांच बजे खदान में काम करने उतरा था।

मशीन में आया हाथ उसने वाईसोसोप मशीन को शुरू किया तो सेफ्टी उपकरण न होने के चलते उसका हाथ मशीन में आ गया और हाथ कट कर शरीर से अलग हो गया। वहां से उसे उसके साथ काम करने वाले मजदूर तुरंत जिला चिकित्सालय केकड़ी लेकर पहुंचे और प्राथमिक उपचार के बाद उसे भीलवाड़ा रेफर कर दिया गया, जहां उसका इलाज हो पाया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि खदान मालिक व ठेकेदार ने भीलवाड़ा में इलाज के दौरान उससे धोखाधड़ी पूर्वक कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। पीड़ित ने खान मालिक व ठेकेदार पर मजदूरों की जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है। शहर थानाधिकारी धोलाराम ने बताया कि पीड़ित की रिपोर्ट पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 287 व 338 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।