केकड़ी, 21 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): आर्य समाज मंदिर केकड़ी में मुम्बई निवासी अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैदिक विद्वान एवं रानी पद्मिनी कन्या गुरुकुल चित्तौड़गढ़ के अधिष्ठाता डॉ. सोमदेव शास्त्री के ब्रह्मत्व में 100 कुण्डीय महायज्ञ सम्पन्न हुआ। डॉ. सोमदेव ने बताया कि वेदों में समस्त प्राणियों के हित के लिए हजारों मंत्रों का उल्लेख है। इस अवसर पर गुरुकुल की कन्याओं ने चारों वेदों के चुने हुए मंत्र पढ़े। पूर्व राजनयिक व भारतीय संस्कृति शिक्षक डॉ मोक्षराज ने अपने तीन वर्षीय अमेरिकी प्रवास का अनुभव साझा करते हुए कहा कि अमेरिका के लोग भारतीय मसालों व व्यंजनों को बहुत पसंद करते हैं। यह हमारे किसानों की बड़ी जीत है। महर्षि दयानंद किसानों को राजाओं का भी राजा कहते थे।

व्यायाम प्रदर्शन ने मोहा मन सांयकाल आर्य वीर दल व आर्य वीरांगनाओं ने व्यायाम प्रदर्शन किया। जिसमें व्यायाम शिक्षक भागचंद आर्य ने जुडो कराटे, आसन, लेजियम, स्तूप आदि का प्रदर्शन कराया। आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के मंत्री जीव वर्धन शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज किसानों के साथ है। समारोह के संयोजक एवं आर्य समाज केकड़ी के प्रधान अशोक आर्य ने बताया कि आर्य समाज केकड़ी के शताब्दी समारोह के अवसर पर यज्ञ के पश्चात् आध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें वैदिक विद्वान स्वामी चेतनानंद सरस्वती, स्वामी दयानंद भरतपुर, आचार्य वरुण देव जोधपुर, आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान किशनलाल गहलोत, आर्य प्रतिनिधि सभा के मन्त्री जीववर्धन शास्त्री, आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के प्रवक्ता डॉ मोक्षराज, आचार्य भवदेव शास्त्री, नरदेव आर्य, सुखलाल आर्य आदि उपस्थित थे।

यज्ञ से पर्यावरण होता शुद्ध सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए आचार्य सोमदेव शास्त्री ने बताया कि यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध होता है, ज्ञान की वृद्धि होती है, सामाजिक संगठन होता है। आचार्य वरुण देव जोधपुर ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डाला। आचार्य भवदेव शास्त्री ने “ज्योत से ज्योत जलाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो” गीत प्रस्तुत किया। दोपहर में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें स्वामी चेतनानंद सरस्वती ने बताया कि आज सभी राजनीतिक दल किसान का उपयोग कर रहे हैं। हमें संगठित होकर किसान हित में काम करना चाहिए, जैविक कृषि जो हमारी परम्परा है, उसे अपनाना चाहिए। 23 सितंबर को प्रातकालीन सत्र में महिला सम्मेलन होगा। उसके बाद कार्यक्रम का समापन होगा। कार्यक्रम का संचालन सत्यनारायण सोनी ने किया।

ये रहे मौजूद कार्यक्रम में यज्ञ मुनि, विजय शारदा, बबलू हरवानी, चिरंजी लाल सोनी, कैलाश चंद महावर, कमलेश अग्निहोत्री, सत्यनारायण सोनी, दिलीप सोनी, वीर सिंह अलुदीया, मूलचंद महावर, गोपाल शर्मा, बजरंग सिकलीगर, रघुवीर प्रसाद टेलर, गणराज आर्य, नरेश सोनी, अनिल राजोरिया, प्रवीण नागोरिया, शंभू सिंह चौहान, गोपाल गुर्जर, पार्षद मुन्नी देवी साहू, सीमा सोनी, सुनीता सोनी, मधुबाला सोनी, कंचन सोनी, प्रेमदेवी लक्षकार, माया जेतवाल, सरला नागोरिया, कमलेश सोनी, रेखा सोनी, सीता सोनी, लक्ष्मी सोनी, पुष्पा सोनी, प्रेम देवी महावर, शशिकला आर्य, मोहनीदेवी सोनी, अंजना शर्मा, कंचन अलुदीया आदि का सहयोग रहा।