केकड़ी, 04 जनवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी जिले को निरस्त करने के विरोध में बार एसोसिएशन के बैनर तले चलाए जा रहे जिला बचाओ अभियान के तहत शनिवार को भी अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा- सरकार द्वारा जनता की भावनाओं के विपरीत जाकर केकड़ी जिले को खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डीग, सलूम्बर व खैरथल-तिजारा जैसे छोटे जिलों को बरकरार रखा गया है, जबकि भौगोलिक दृष्टि से पूर्ण और विकास की ओर अग्रसर केकड़ी जिले को समाप्त कर दिया गया, जो कि गलत निर्णय है।
केकड़ी में हुए 6669 करोड़ रुपए के एमओयू अधिवक्ताओं ने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए केकड़ी को पुनः जिला घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के राइजिंग राजस्थान अभियान के तहत नवगठित जिलों में सबसे अधिक एमओयू केकड़ी में हुए थे। जिसमें 6669 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्तावों की सहमति हुई थी। साथ ही जिला बनने के बाद जनता को प्रशासनिक स्तर पर सुगमता मिली। बावजूद इसके, सरकार ने भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हुए केकड़ी जिले को खत्म कर दिया।
दस दिन चलेगा धरना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनोज आहूजा ने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ बार एसोसिएशन न्यायालय परिसर में दस दिन तक सांकेतिक धरना देगा। इसके बाद आमजन के समर्थन से आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते केकड़ी को फिर से जिला घोषित नहीं किया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अधिवक्ताओं ने आमजन से अपील की है कि वे जिला बचाओ अभियान में समर्थन देकर केकड़ी को पुनः जिला बनाने के प्रयासों में सहयोग करें।
ये रहे मौजूद इस मौके पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनोज आहूजा, वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद सईद नकवी, मदन गोपाल चौधरी, सुरेंद्र सिंह राठौड़, शैलेन्द्र सिंह राठौड़, गजराज सिंह, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, मगनलाल लोधा, नवलकिशोर पारीक, अनुराग पांडे, भूपेंद्र सिंह राठौड़, आशुतोष शर्मा, रामअवतार मीणा, प्रहलाद चौधरी, इमदाद अली, दशरथ सिंह कांदलोत, शिवप्रताप सिंह, गजेंद्र गर्ग, नरेंद्र जैन, धर्मेंद्र सिंह, और शिवप्रसाद पाराशर सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।